12 जून 2012

पहेलो सिणगार कीधो मारे वालेजीए


!! श्री राजजी का सिंगर !!
पहेलो सिणगार कीधो मारे वालेजीए, तेहनुं ते वरणवुं लवलेस 
पछे संवाद वालाजी साथनो, ते  मारी  बुध  सारुं  कहेस ।।    ।।
सोभा रे मारा  स्याम  तणी,  सखी  केणी  पेरे  वरणवुं एह 
सबदातीत मारा वालाजीनी  सोभा,  मारी  जिभ्या आणी देह  ।।    ।।
चरण  तणां  अंगूठा  कोमल,  नख  हीरा   तणां  झलकार 
रंग तो जोई जोई मोहिए, पासे कोमल  आंगलियों सार  ।। ३ ।।
फणा  नसो   अने  कांकसा,   अति  रंग   घणुं   रे  सोहाय 
जीव थकी अलगां नव कीजे,  राखिए चरण चित मांय ।।  ४ ।।
चरण    तले   पदमनी   रेखा,  करे   ते   अति   झलकार 
पानी  लांक  लाल  रंग  सोभे,  इन्द्रावती निरखे करार  ।।    ।।
प्रणाम जी............
योगी अर्जुन राज पुरी  

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